मेरा हाथ पकड़ खाटू वाले मैं इस दुनिया से हार गया,
कलयुग में आके रे बाबा तूने ही तो अवतार लिया,
मेरा हाथ पकड़ खाटू वाले में इस दुनिया से हार लिया…..
मतलब के है रिश्ते नाते मतलब की दुनिया धारी हैं,
तुमसे बाबा मैं क्या बोलूं तू जाने बाबा सारी है,
मुझे जान जान कहकर बाबा मुझे बितर ही बितर मार लिया,
मेरा हाथ पकड़ खाटू वाले में इस दुनिया से हार लिया…….
कलयुग में है अवतार लिया और खाटू दम में वास किया,
मैं आया हु खाटू नगरी मुझे चरणों का दास बना,
ना दन दौलत है पास मेरे मेने तुझ पर हो विस्वास किया,
मेरे हाथ पकड़ खाटू वाले में इस दुनिया से हार लिया…….
मेरा देदे बाबा सात तु मअब ना कोई मेरा सहारा है,
मेने देख लाई दुनिया दारी आज तेरा भक्त यू हारा है,
मेरा अब न कोई सहारा है मैंने भक्ति का सार लिया,
मेरा हाथ पकड़ खाटू वाले में इस दुनिया से हार लिया………
जो मने मने अपना अपना केवेते हर किसी ने मुझे सत्या है,
दुनिया दारी को छोड़ बाबा गजेंद्र खाटू में आया है,
अस सह्पनी ने कलम चलाके तेरे ही गुण गान किया,
मेरा हाथ पकड़ खाटू वाले में इस दुनिया से हार लिया.......