श्याम की अदालत

श्याम की अदालत हर ग्यारस को लगती है,
सच्ची सिफारिश इनके आगे चलती है,
होते लाखो फैसले इस खाटू के दरबार में,
आर्डर चलता श्याम का इस सारे ही संसार में,
श्याम की अदालत....

बैठा चुप चाप बाबा सब की है सुनता,
दया की द्रिष्टि डाल हारे को चुनता,
श्याम की वकालत इस कलयुग में जमती है,
इनकी नयकट हर सीने में छलकती है,
होते लाखो फैसले इस खाटू के दरबार में,
आर्डर चलता श्याम का इस सारे ही संसार में,
श्याम की अदालत....

सेठो का सेठ ये गरीबो का नसीब है,
जिसका ना कोई जग में उनके करीब है,
है ये हकीकत ऐसे दयालु बाबा है,
गले से लगाले ऐसे किरपालु बाबा है,
होते लाखो फैसले इस खाटू के दरबार में,
आर्डर चलता श्याम का इस सारे ही संसार में,
श्याम की अदालत....

बजता है डंका इनके नाम का जग में,
दानी नहीं है ऐसा दूजा कलयुग में,
तेरी अदालत का अमिरत ये नौकर है,
करदो फैंसला  बोले नमृता रो कर है,
होते लाखो फैसले इस खाटू के दरबार में,
आर्डर चलता श्याम का इस सारे ही संसार में,
श्याम की अदालत....
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