किस विधि वंदन करुं तिहारो ओडर दानी त्रिपुरारी,
बलिहारी बलिहारी जय महेश बलिहारी
नैन तीन उपवीत बुजंगा शशील लाट सोहे गंगा
मुंडमाल गल बीज विराजत महिमा है अति भारी
किस विधि वंदन करुं तिहारो
कर में डमरू त्रिशूल तिहारे कटी मेहर भागाम्बर धारे,
उमा सहित हिम शेल विराजत शोभा है अति न्यारी
किस विधि वंदन करुं तिहारो
अगम निगम तव भेद न जाने भरमा विष्णु सदा शिव माने
देवो के महादेव अब रक्शा करो हमारी
किस विधि वंदन करुं तिहारो