राम नाम की माला ज्प्लो
राम नाम की माला
दो अक्शर के इस नाम से मन में रहे उजाला
राम नाम की माला ज्प्लो
जूठे वेर शबरी के खा कर प्रभु ने प्रीत दिखाई
आपस का वैर खत्म करो अनमोल जीवन है भाई
प्रेम भाव से जिसने पूजा उसके हुए किरपाला
राम नाम की माला ज्प्लो
ना कोई छोटा ना कोई बड़ा ये सबा कर्म का खेला
सारी श्रृष्टि उसने रची है दुनिया है इक मेला
पीड पराई जानी जिस ने हुआ वो जग में निराला
राम नाम की माला ज्प्लो
मन में प्रभु का नाम रटो जी जीवन होगा सुख दाई,
सब के मान का ध्यान रखो और सब की करो बलाई
जो भी सची राह चला है प्रभु ने उसे सम्बाला,
राम नाम की माला ज्प्लो