इन आँखों में सूरत है तेरी मन मन्दिर में मूरत है तेरी
होठो पे है नाम तेरा सांसो में तू है वसा सुन अविनाशी सुन केलाशी
सुन गोरी के भोले पिया
तरीन त्रिगारी तू है तू नील कंठ कहलाये,
पेहनेसर्प की माला और अंग भभूति लगाये
पी के भंग प्याले वर दे डाले ओ गोरी के भोले पिया
इन आँखों में सूरत है तेरी मन मन्दिर में मूरत है तेरी
तू है सब का दाता तू है सब का पालनहारा
तेरी दया का भगवन ना ता है न कोई किनारा
रूप कही छाया सब तेरी है माया ओ गोरी के भोले पिया
इन आँखों में सूरत है तेरी मन मन्दिर में मूरत है तेरी