धुन: जय जय गोवर्धन महाराज भजन पर
रंग बरसे लाल गुलाल, हो गुलाल, वृषभानलली के मन्दिर में।
सब हो गए लालों लाल, राधा रानी के मन्दिर में ॥
भीगे चुनरी चोली दामन ।
मुख हो गए लाल गुलाल, हो गुलाल - वृषभानलली...
सुन सुन कर साजों की सरगम ।
सब नाचें बजाकर ताल - हो ताल - वृषभानलली...
राधा रूप छटा मन मोहिनी ।
कर दरस हो मनवा निहाल - निहाल - वृषभानलली...
मन ‘मधुप’ डूबा रंग रस में ।
सब बोलें जय जयकार - जयकार - वृषभानलली...