मैं तेरे दर आया कन्हैया, मैं तेरे दर आया
इस जालिम संसार ने कान्हा, मुझको बड़ा सताया
मैं तेरे दर आया कन्हैया मैं तेरे दर आया
आंसू की माला है मुझ पर, दर्द का दीपक लाया
तूने क्यों बिसराया मुझको ,तूने क्यों बिसराया
तू हारे का एक सहारा ,संतो ने फरमाया
कैसा जगत रचाया तूने , कैसा जगत रचाया
मैं बालक हूं मैं क्या जानू ,कैसी तेरी माया
तूने जो ठुकराया मुझको ,तूने जो ठुकराया
मर जाऊंगा मैं तो कन्हैया ,तूने जो ठुकराया
राही ने जो गाया कान्हा ,राही ने जो गाया
वहीं लिखा मैंने तो बिसरिआ, तूने जो भी लिखाया