होली के बहाने आया वो मेरे पास ,
रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज , 
अरे रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज , 
श्याम का रंग मुझपे ऐसा चढ़ा हैं, 
जहा भी देखु बस वो ही खड़ा हैं , 
उसकी प्यारी बाते सताए दिन और रात,
रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज ,
अरे रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज ,
कुछ तो बताओ सखी कहा वो मिलेगा , 
उससे मिले बिना दिल ना लगेगा , 
सखी तुम ही जा के कह दो , मेरे दिल की सारी बात ,
रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज , 
अरे रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज ,
मथुरा में ढूंढू या ढूंढू वृन्दावन में ,
गोकुल में ढूंढू या ढूंढू नन्द गांव में , 
कहा मिलेगा मुझको , कोई तो बता दो राज ,
रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज , 
अरे रंग गया अपने रंग में , वो मुझको सखी आज , 
होली के बहाने आया वो मेरे पास ,
रंग गया अपने रंग में वो मुझको सखी आज , 
अरे रंग गया अपने रंग में वो मुझको सखी आज ,
Bhajan Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore