तू राधे राधे बोल रे नाम अनमोल रे,
मिले गा सांवरिया हिरदये पट खोल रे,
ममता मई करुणा मई चारी,
श्री राधे वृषभानु दुलारी,
जिसके प्रेम अधीन हो गये,
श्री नंदन कृष्ण मुरारी,
वीके बिन मोल रे ना कोई तोल मोल रे.
तू राधे राधे बोल रे........
वृन्दावन की सारी गलियां गूंजे राधे नाम से,
राधे को सारा ब्रिज आ राधे कृष्ण सखा ब्रिज धाम के,
ना मन तू ढोल रे जे अमृत धोल रे,
तू राधे राधे बोल रे....
देख युगल छवि राधे श्याम की दुनिया हुई दीवानी,
गूंज रही ब्रिज के कण कण में पावन प्रेम कहानी,
ग़ाग़ज में शोर रे ये दोनों चित चोर रे,
तू राधे राधे बोल रे....
राधे राधे रतले प्राणी ये जीवन खिल जायेगा,
राधे जी की किरपा से तुझे सांवरिया मिल जायेगा,
तू मन को टटोल रे प्रेम अनमोल रे,
तू राधे राधे बोल रे.......