हर कदम पे तुम्हे होगा आभास सांवरे का
चाहे कुछ भी हो न डगमग हो विस्वास सांवरे का
हर कदम पे तुम्हे होगा आभास............
दुनिया से आँखें बंद करके मन की आँखों को खोल ज़रा
बे मतलब की बातें छोडो जय बाबा की तू बोल ज़रा
दिल के अंदर तुम्हे होगा एहसास सांवरे का
हर कदम पे तुम्हे होगा आभास............
चल कर के देखो तुम एक बार मेरे साँवलिये की राह में
गिरने के पहले थामेगा ये आकर अपनी बाँहों में
तेरे मन में ही मिलेगा तुम्हे वास सांवरे का
हर कदम पे तुम्हे होगा आभास............
सूरज कुछ ऐसा काम करो सांवरिया तू तुमसे राज़ी
हारे को जो अपनाओगे जीतोगे फिर तुम हर बाज़ी
बन जायेगा फिर तू बड़ा ख़ास सांवरे का
हर कदम पे तुम्हे होगा आभास............