मटकी दे ने छोड़ रे ग्वालन मटकी दे ने छोड़,
पतली पतली तेरी कलहाइयाँ देंगे ग्वाला मोड़,
छुप छुपा के चतरू गुजरियाँ कंस के माखन खावे,
कंस को वंस मिटा दूंगा मैं क्यों जयदा नखरावे,
नकद धाम दे दू गा तुझको करले इसका तोड़,
मटकी दे ने छोड़ रे ग्वालन मटकी दे ने छोड़,
कंस की नगर माखन लेकर मथुरा ने मत जावे ,
गोकुल गांव को चाल गुजरी सब माखन विक जावे,
नकद दाम दे दुगा तुझको कर ले इसका तोड़
मटकी दे ने छोड़ रे ग्वालन मटकी दे ने छोड़,
सुन ब्रिज नारी चतुर गुजरियाँ जयदा मत नखरावे,
कोरी कोरी मटकी ले तू ग्वालियन फुड़वावे,
कहे हरवीर अडू की बाला ग्वाला देंगे तोड़,
मटकी दे ने छोड़ रे ग्वालन मटकी दे ने छोड़,