परियो जैसा रूप देख कान्हा का मनवा खिल गया,
राधा का जादू चल गया राधा का जादू चल गया
ये भोला मासूम सा चेहरा उस पर तेरे गोर गाल,
जिसने ऐसा रूप रचाया उस मालिक ने किया कमाल,
होले से मुश्काना तेरा सांवरियां को छल गया,
राधा का जादू चल गया
पानी भरने ओ पनहारी पनघट पे जो तू आई,
रस्ते में घनश्याम खड़ा था नजरे उस से टकराई,
नैनो के खंजर से तूने कान्हा को घायल किया,
राधा का जादू चल गया..
होश हवास भुलाये सारे गाये चरना भूल गया,
राधे तुझमे ऐसा खोया बंसी बजाना भूल गया,
हर्ष कहे जन्मो का साथी आज श्याम को मिल गया,
राधा का जादू चल गया.....