मेरी लाज रखो रघुनन्दन,
कर हु तुम्हारे चरण कमल में कोटि कोटी अभिनन्दन
मेरी लाज रखो रघुनन्दन
दीं हीन में हाथ जोड़ कर खड़ा तुम्हारे द्वारे
हे करुना के सिन्धु दया निधि सुन लो मेरी पुकार
तुम हो अगम अघोचन सवामी सविकारो मम वंदन
मेरी लाज रखो रघुनन्दन
मीरा के गोपाल तुम्ही हो
सूरा दास के श्याम
अर्जुन के तुम कृष्ण कन्हिया शबरी के तुम राम
तुलसी के रघुनाथ तुम्ही हो
गोपीन के ब्रिज नंदन
मेरी लाज रखो रघुनन्दन
भकत जनों की नैया भगवान तुम्ही लगाते पार
दीं दयालु कर ते सदा तुम भगतो पर उपकार
यम का पास छुडाने वाले
नाथ तुम्ही भव भंजन
मेरी लाज रखो रघुनन्दन