श्याम श्याम रट ती मैं श्याम हुई,
माधव माधव रटती मैं माधव हुई
अब माधव किसी को कहे री,
माधव पिया रट ती मैं श्याम हुई,
हिजरे वसे मैंने दोनों छोड़े,
अब किसी का होके रहे री,
माधव माधव रटती मैं माधव हुई
नैनो में तुम वसे हो कान्हा तू जाने कोई समाये,
धागा तो मैं पल में तोड़ दू मुझ्से प्रीत न तोड़ी जाए
देख सूरतियाँ श्याम सलोनी सब मोहे गोविन्द कहे ऋ,
माधव माधव रटती मैं माधव हुई
प्यारे सजन मोरे घर है आये,
अब काहे ताने सहे ऋ,
माधव माधव रटती मैं माधव हुई