तरज़-मैं तो आरती उतारूं रे संतोषी माता की
मैं तो आरती उतारूँ रे,श्री राधा रसिक बिहारी की
मेरे प्यारे निकुंज बिहारी की,मेरे प्यारे बांकें बिहारी की
मैं तो आरती उतारूं रे,श्री राधा रसिक बिहारी की
मैं तो....
1. मोर पखा अलकें घूंघराली,बार बार जाऊँ बलिहारी
कुंडल की छविं न्यारी की,मेरे प्यारे बांकें बिहारी की
मैं तो आरती उतारूं रे,श्री राधा रसिक बिहारी की
मैं तो....
2. साँवरी सूरत,मोहनीं मूरत तिरछी नज़र बिहारी की,
मेरे प्यारे निकुंज बिहारी की
मैं तो आरती उतारूं रे,श्री राधा रसिक बिहारी की
3.गल सोहे वैजंती माला,नैंन रसीले रूप निराला
मन मोहन कृष्ण मुरारी की,मेरे प्यारे बांकें बिहारी की
मैं तो आरती उतारूं रे,श्री राधा रसिक बिहारी की
मैं तो....
4.पागल के हो प्राणन प्यारे,प्राणन प्यारे नैंनन तारे
श्री हरिदास दुलारी की,मेरे प्यारे निकुंज बिहारी की
मेरे प्यारे बांकें बिहारी की
मैं तो आरती उतारूं रे,श्री राधा रसिक बिहारी की
मेरे प्यारे निकुंज बिहारी की,मेरे प्यारे बांकें बिहारी की
मैं तो आरती उतारूं रे,श्री राधा रसिक बिहारी की
बाबा धसका पागल पानीपत
संपर्कंसुत्र-7206526000