की हरे रामा रिमझिम बरसे पनिया झूले राधा रानिया है हरी
घिर आये घूंघर घनकरे,परे रिमझिम बून्द फुहारे। हरे रामा चमक रही दमिनिया
की झूमे
गर सोहे मोतियन माला, अंग अंग में भूषण निराला। अरे रमा कमर पड़ी करधानिया
की झूमे
उ झूले सुमन हिंडोला बिन दाम लेत मनमोला ।हरे रमा मंद मंद मुस्कनिया
की झूमे