मेरा शाम नंदलाल है जग से निराला

मेरा शाम नंदलाल है जग से निराला ।।
जग से निराला ,सारे जग से निराला ।।
शाम नंदलाल गौकूल में खेले ।।२।।
जिसने उठाया है पहाड़  वो मेरा शाम नंदलाल......
बलदाऊ के संग माखन चुराए ।।२।।
जिस के मुख में दुनिया समाये मेरा शाम नंदलाल......
राधा ने जिसको प्यार आपना माना ।।२।।
जिस ने गोपियों को नाच नचाया मेरा शाम नंदलाल ......
शाम मेरे ने अर्जून को बचाया।।२।।
दुनिया को गीता का पाठ पढ़ाया मेरा शाम नंदलाल.....
शाम मेरे ने द्वारका को बसाया ।।२।।
जिसने दुनिया को सत्य की राह दिखाया मेरा शाम नंदलाल....

लिखित :- पंडित अंकित जी
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