तुमको जाना है जहा

तुमको जाना है जहा तक तुमको माना है वाहा तक
इस जमीन से आसमा तक देह से परमात्मा तक
तू ही तू है तू ही तू है दूसरा कोई नही
तुमको जाना है जहा तक तुमको माना है वाहा तक

दर्शनों की आस लेके चल पडा हु ओह वेफिकर
कब कहा पर तुम मिलोगे ये नही मुझको है खबर
जिन्दगी के रस्ते में देखता हु जिस तरफ भी,
तू ही तू है,दूसरा कोई नही
तुमको जाना है जहा तक तुमको माना है वाहा तक

मैं नदी की हर लेहर को देख ता तो हु इक टक,
किस लेहर में मिल सकेगी तेरी चितवन की इक झलक
मन की मेहकी वादियों में देखता हु जिस तरफ भी
तू ही तू है,दूसरा कोई नही
तुमको जाना है जहा तक तुमको माना है वाहा तक

चाँद तारो में तुम्हारी रश्मियों की है इक झलक
फिर भी छूना चाहती है आप को दिल की एक ललक
इस नशीली रात में भी देखता हु जिस तरफ भी
तू ही तू है,दूसरा कोई नही
तुमको जाना है जहा तक तुमको माना है वाहा तक
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