माने चाकर राखो जी गिरधारी लाला चाकर राखो जी
चाकर रह सो भाग लगा सु नित उठ दर्शन पा सु
वृधावन की कुञ्ज गली में गोविन्द लीला गा सु
माने चाकर राखो जी गिरधारी लाला चाकर राखो जी
उचे उचे मेहल बनाऊ विच विच राखु क्या ऋ
सवारियां के दर्शन पाऊ पेहन को सम्बी सारी,
माने चाकर राखो जी गिरधारी लाला चाकर राखो जी
मोर मुकट पिताम्भर सोहे गल वैजयन्ती माला
वृंदावन में धेनु चरावे मोहन मुरली वाला
माने चाकर राखो जी गिरधारी लाला चाकर राखो जी
मीरा के प्रभु गहिर गम्बीरा हिरदये रहो जी धीरा
आधी रात प्रभु दर्शन दीना यमुना जी के तीरा
माने चाकर राखो जी गिरधारी लाला चाकर राखो जी