मेरा किथे गया बंसरीवाला सखिया तो राधा पुछ्दी
यमुना दे कंडे कंडे गऊआ श्याम चारदा
गेंद दे बहाने छाल यमुना च मारदा
ऊथे नाथ के लेया पा नागनी काला
सखिया तो.......
वृंदावन दा मैं वेखया चफेरा नी
श्याम श्याम कहन्दी मैनु हो गया अन्धेरा नी
श्याम मिले ता होवे उजाला
सखिया तो.......
जदो दा छड गया कृष्ण मुरार नी
श्याम दी जुदाई नाल हो गयी बिमार नी
सारी जिन्दगी दा श्याम रखवाला
सखिया तो........
भुल के सी कर बैठी श्याम नाल प्यार नी
भुल मेरी माफ कर दे श्याम इक बार नी
तेरे नाम दी जपानगी माला
सखिया तो........