आजा तेरी ज्योत जगाई भोले मेरे नाथ
ओ मेरे स्वामी अंतर यामी
आजा तेरी ज्योत जगाई भोले मेरे नाथ
आजा तुझे गंगा जल से मैं निह्लादु
दूध की धारा तुझपे चडा दू
गिस गिस चंदन माथे लगा दू
लेके भस्म तेरे तन पे रमा दे
बस यही मन को भाई है भोले,
झूठी लगे इस जीवन की माया
अपना जिसे माना निकला पराया,
देता है धोखा अपना ही साया
चेहरे पे सब ने चेहरा लगाया,
कैसी तूने दुनिया बनाई भोले,
तेरा भगत तेरा रस्ता निहारे
आके मुझे भोले देदो सहारे,
कब से है रश्मी तुझको पुकारे
आन पढ़ी वो तेरे द्वारे
कहा तूने देर लगाई भोले,