शनि कहे बजरंग बली से सुनो वीर हनुमान
चलो साथ में दोनों मिल कर भगतो का कल्याण
कुछ आप की शक्ति से कुछ मेरी शक्ति से,
हनुमान की शक्ति से शनिदेव की शक्ति से
दर दर ठोकर खा के इंसान दुःख से पार न पायेगा
राम नाम का जाप करे वो भक्त आप को भाये गा,
उस के उपर किरपा आप की पल में ही हो जायेगी
शनी दोष और साडे साती में मुक्ति मिल जायेगी
उस के सारे कष्टों का प्रभु हो जाएगा निदान
कुछ आप की शक्ति से कुछ मेरी शक्ति से,
मोह माया में फस कर प्राणी जो भी आप को बुला है
धन वेवव के कारण बस ये अपने मद से बुला है
सादे साती बन कर उस के पास मैं जाउगा
निज परकोप से उसको मैं शुभ करम ही सिखाउगा
दीं दुखी की सेवा कर हर मानव बने महान
कुछ आप की शक्ति से कुछ मेरी शक्ति से,