चलो नन्द बाबा के द्वारे याहा बाल गोपाल पधारे
हुई पावन भूमि ये सारी,
बोले सारे नर और नारी
भादों की अष्टमी आई
नन्द लाल लीला रचाई
यशोमती न फूली समाई
और लले को गोद उठाई
बजी आज है शेहनाई
रंगोली आंगन सजाई
देती आकी सारी वधाई
चली खुशियों की पुरवाई