( तर्ज़: कुदरत ने बनाया होगा ...)
आजा मेरे कन्हैया ,मेरी बीच भँवर में नैया ,
तु ही पार लगैया बाबा, तु ही खेवनहार
मेरे श्याम सलोने साँवरा तु मोटो लखदातार
बड़ी आस लगा दर पे आया ,
मेरे नैन बहे बिलख़ै काया ,
तुम धीर बंधाओ नाथ मेरे , सर पे रखदो तुम हाथ मेरे ,
माँझी बनो कन्हैया, करदो पार खिवैया,
हे दुनिया के रचैया, करदो इतना उपकार
मतलब की है दुनियादारी ,
या हंसी करै बाबा म्हारी,
ना देर लगाओ गिरधारी, म्हानै पड़ी ज़रूरत है थारी,
आजा रास रचैया, ओ बंसी के बजैया,
पार करो म्हारी नैया, ना देर करो सरकार
क्यूँ देर भई जग के स्वामी,
थारी नज़र करो म्हारै कानी
हारे का साथ सदा देते , निज भक्तों को अपना लेते,
लाज रखो असुवन की , पीड़ हरो म्हारै मन की,
'देवकी नंदन ' की , थे अरज़ करो स्वीकार