तेरे प्यार ने कन्हैया, पागल बना दिया है ।
ओ जादूगर ये कैसा, जादू चला दिया है ।
सांसें ये जप रही हैं, तेरे नाम की ही माला,
लेकिन ओ सांवरे क्यों, तूने भुला दिया है ।
तेरे प्यार ने कन्हैया...
तेरी सांवरी सलोनी, सूरत बसा के दिल में,
दिल को बना के मंदिर, उस में सजा लिया है ।
तेरे प्यार ने कहिया...
मेरी धड़कनों में तू है, नज़रों में तू ही तू है,
तेरे इश्क़ में कन्हैया, जग को भुला दिया है ।
तेरे प्यार ने कन्हैया...
मेरे दिल ने तुझ को चाहा, क्या यही मेरी खता है,
मेरे प्यार का ओ जुल्मी, कैसा सिला दिया है ।
तेरे प्यार ने कन्हैया...
दीवानगी ये मेरी, मेरी जान ही न ले ले,
मैने हाल "दास" अपना, तुझ को बता दिया है ।
तेरे प्यार ने कन्हैया...
रचना : अशोक शर्मा ‘दास’
स्वर : श्यामा दासी (साक्षी)