सुबह सुबह निस दिन जाया कर शिव के मंदिर
सुबह सुबह तू उठ के निस दिन शिव के मंदिर जाया कर
जब जपे गा शिव का नाम तेरे बनेगे बिगड़े काम
नाम जब जपेगा शिव का नाम तेरे बन जायेगे सब बिगड़े काम
शिव चरनामित पीने वाला जग में अमर हो जाए,
महाकाल के भगतो को तो काल का भय न सताए
शिव भगती की गंगा में तू लगा ले धोते सुबहो शाम
जब जपेगा शिव का नाम तेरे बनेगे बिगड़े काम
शिव सुमिरन बिन मुक्त न होगा जन्मो के बंधन से
मोक्ष तुझे देंदे शम्भु ध्यान लगा ले मन से
काम करेगे शिव अपना तू किये जा बंदे अपना काम
जब जपेगा शिव का नाम तेरे बनेगे बिगड़े काम
दास पवन के जैसा जिस दिन तू शिव का हो जाएगा
मिल जायेगे शिव तुझको जब तू शोव में खो जाएगा
तेरी आत्मा बन जायेगी अविनाशी का पावन धाम
जब जपेगा शिव का नाम तेरे बनेगे बिगड़े काम