भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को

भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को
अपने चरणों का सेवक बना लो हम को
भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को

गंगा जल मैं भर भर लाऊ
कार्तिक गणपति गोद खिलाऊ,
अपने बस हां की डोर थमा दो हम को
भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को

तोड़ तोड़ लाऊ नित वेल की पतियाँ
प्रेम से बनाऊ शिव भांग की गोलियां
भांग धोटने का पात्र थमा दो हम को
भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को

हे त्रिभुवन पति शिव त्रिपुरारी
कब लोगे सुधि शम्भू हमारी
अपने चरणों की धुल बना लो हम को
भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को
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