प्रेम भक्ति से मिलकर पुकारो,
भोले बाबा हमारे मिलेंगे।
तन में भस्मी भभुति रमाये,
नाग गर्दन में धारे मिलेंगे।
वो हैं दाता जगत है भिखारी,
सब हैं उनके चरण के पुजारी,
उनकी चौखट पे ये दुनिया वाले,
अपनी झोली पसारे मिलेंगे।
उनको चाहिए न मिष्ठान मेवा,
ना वो चाहे किसी की भी सेवा,
उनको चाहे अगर कोई पाना,
भक्ति रस के सहारे मिलेंगे।
जिसने सच्चे है दिल से पुकारा,
उनको देते हैं भोले सहारा,
अपने भक्तों की नैय्या भंवर से,
'लक्खा' करते किनारे मिलेंगे।
राम के भेष में वो ही आए,
कृष्ण बनकर के लीला रचाये,
उनकी माया को 'शर्मा' क्या जाने,
वो कई रूप धारे मिलेंगे।
गीत : कवि शर्मा जी
स्वर : लखबीर सिंह लक्खा जी
भजन लिरिक्स अपलोडर : शिवम् माले दांगी 88210-30286