भोले तेरी जटा में, बहती है गंग धारा,
शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर, जिम दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा में, बहती है गंग धारा,
भोले तेरी जटा में, बहती है गंग धारा……..
गल में मुंडमाल साजे भोले, शशि भाल में गंग बिराजे,
डमरू निनाद बाजे, कर में त्रिशूल धारा,
शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा,
भोले तेरी जटा में, बहती है गंग धारा……..
मृग चर्म बसन धारी ,वृषराज पै सवारी
निज भक्त दू:खहारी, कैलाश में बिहारा,
शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा,
भोले तेरी जटा में, बहती है गंग धारा……..
शिव नाम जो उचारे, सब पाप दोष टारे,
ब्रह्मानंद ना बिसारे, भव सिन्धु पार तारा,
शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा,
भोले तेरी जटा में, बहती है गंग धारा……