डमक डमक डमरू हे वाजे चन्द्रमा मस्तक पर साजे,
नाचे भोला हर हर हर हर बम ,
गले में पड़ी सर्प की माला,
हाथ तिरशूल कान में बाला,
नाचे भोला हर हर हर हर बम ,
बन कर नटराज सदा शिव अध्भुत कला दिखाये,
डम डम डमरू बजे हाथ में ताल से ताल दिखाये ,
खा के भांग का गोला जता भिखरा के भोला,
नाचे भोला हर हर हर हर बम ,
देख के रूप अनोखा शिव का गोरा मन हर्षाये,
नव मंडल में देवी देवता शिव पे फूल बरसाए,
है कैलाश पे अज़ाब नजारे भाजे ढोलक साज नगाड़े,
नाचे भोला हर हर हर हर बम ,
जैसे जैसे चरण थिरक ते मन होता मत वला,
लिख जाता है लखा महिमा भोले देव निराला,
मग्न मन भक्तो का टोला झूमे के गिरी है ये बोला,
नाचे भोला हर हर हर हर बम ,