हे बरसाने वाली राधे हम पे किरपा बरसा दो,
हे श्रृष्टि की सवामनी श्यामा बिगड़ी बात बना दो ,
हे बरसाने वाली राधे हम पे किरपा बरसा दो,
देख लिया अजमा के जहां को कोई नही है मेरा
देख मेरी बद हाली मुझसे अपनों ने मुह फेरा,
दर दर का ठुकराया हु मैं चरण कमल में पधारो,
हे बरसाने वाली राधे हम पे किरपा बरसा दो,
तन की उजली मन की खाली है ये दुनिया सारी
जिस पे किया विश्वास उसी ने छुरी पीठ पे मारी,
हार गया हु लड़ते लड़ते तुम चाहो तो जीता दो,
हे बरसाने वाली राधे हम पे किरपा बरसा दो,
करुनामाई ममता मई श्यामा हाथ पकड़ लो मेरा
मुझ निर्धन निर्बल बेबस को अब है सहारा तेरा
किरपा मई अपनी किरपा का सिर पे हाथ फिर दो,
हे बरसाने वाली राधे हम पे किरपा बरसा दो,
किस्मत की चाभी तो श्यामा हाथ में है तुम्हारे
कब तक रोयेगे तड़फे गे हम किस्मत के मारे,
अर्ज करे कर जोड़ दास ये इतना तो बतला दो,
हे बरसाने वाली राधे हम पे किरपा बरसा दो,