बाबोसा के मंदिर में ,भक्त जो भी आता है
बाबोसा से रिश्ता वो , पल में जोड़ जाता है
धाम ये चुरू का जग में निराला
जाये जो भक्त वो , है मतवाला
फिर वो चुरु हर बार आता है
बाबोसा के मंदिर में ....
घर घर मे सेवा , पूजा तुम्हारी
तुमसे ही रोशन , दुनिया हमारी
मन मेरा भक्ति में , खो जाता है
बाबोसा के मंदिर में ....
भक्तो ने जब भी , इनको पुकारा
पल में ही आकर , दिया सहारा
भक्तो की भक्ति से ,रीझ जाता है
बाबोसा के मंदिर में ....
कलयुग के देव है , बाबोसा हमारे
दिलबर ये भक्तो की ,नैया को तारे
इनकी शरण मे जो जाता है
बाबोसा के मंदिर में ....