दोस्तो इस जमाने को क्या हो गया,
जिसको चाहा वही बेवफा हो गया,
आप ही ने बनाई यह हालत मेरी,
आप ही पुछते हो यह क्या हो गया,
दोस्तो इस जमाने .......
आप गैरो से नजरे मिलाते रहै,
इक नजर हमने देखा तो क्या हो गया,
दोस्तो इस जमाने ...........
आदमी कोई पत्थर की मुरत नही,
जिसको समझा "मयूर' वह जुदा हो गया,
दोस्तो इस जमाने ........
गायक रसीद मयूर इटावा राजस्थान
रहीस मयूर इटावा राजस्थान
9785090030,9829962362