आनंदा भई मोरे नगरी आज यु आनंदा भई,
मैं यमुना जल भरन गई थी बीच ननदिया झगरी
आज आनंदा भई मोरे नगरी आज यु आनंदा भई,
चाहे न नदियाँ नाचू कुदऊ
पाहिहु न ये काउ दमड़ी,
आज आनंदा भई मोरे नगरी आज यु आनंदा भई,
काहे का बहूजी मोरी जनना जम्यो,
नेग देती पर झगड़ी
आज आनंदा भई मोरे नगरी आज यु आनंदा भई,