मनवा छोड़ जगत जंजाल लगा रटना हरि नाम की।
लगा रटना हरि नाम की.....2
मनवा छोड़ जगत.....
नाम हरि का नहीं जपे रसना किस काम की...2
अरे हरि भजन से सुफल होए तेरी काया जाम की...2
मनवा छोड़ जगत...
पल पल छीजै स्वासा तेरी आठों याम की...2
अरे क्या किया था कौल याद कर लें उस धाम...2
मनवा छोड़ जगत....
वृंदावन में जाए शरण गहे राधे श्याम की...2
अरे सबके पापन कू काटे रज वृंदावन धाम की...2
मनवा छोड़ जगत...
श्री राधे जू कृपा करे बरसाने धाम की...2
अरे सब भक्तन की दास मंडली तोताराम की...2
मनवा छोड़ जगत....