चल हंसा उस देश समद जहा मोती

चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे
मोती समद जहा मोती समद जहा मोती रे

चल हंसा उस देश निराला, बिन शशि भान रहे उजियारा
जहा लागे ना चोट काल की, जगामग ज्योति रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

जब चलने की करी तैयारी, माया जाल फंस्या अतिभारी
करले सोच विचार घड़ी दोय, होती रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

चाल पड्या जद दुविधा छूटी, पिछली प्रीत कुटुंब से टूटी
हंसा भरी उड़ान, हंसिनी रोती रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

जाय किया समदर में बासा, फेर नहीं आवण की आशा
गावै भानीनाथ, मोत सिर सोती रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

श्रेणी
download bhajan lyrics (1346 downloads)