तू ही तू

ॐ अल्फ नू सिमरो इक्को रूप है तिंना दा,
खुदगर्जी ते मतलब प्रस्ति झगड़ा पाया जिन्हा दा,
सब नू रोजी देवन वाला सांझा गल्ला तूँ ही तूँ,
राम रहीम कृष्ण वाहेगुरू ईश्वर अल्लाह तूँ ही तूँ,

अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत दे सब बंदे जी,
एक नूर ते सब जग उपजेया कौन भले को मंदे जी,
हिन्दू मोमण सिख ईसाई सब में कल्ला तूँ ही तूँ,
राम रहीम कृष्ण...........

दिव्य दृष्टि नाल देखिए सब दे अंदर वास करे,
वर दे के हिरण्याक्ष करदे नरसिंह हो के नाश करे,
लै करदे शिव रूप धारके बरसी बल्ला तूँ ही तूँ,
राम रहीम कृष्ण..........

नूर तेरे दा जदों नज़ारा आया सी गा बुल्ले नूँ,
चंगे नालों चंगा समझेया सी मिट्टी दे चूल्हे नूँ,
तेरी क़ीमत प्यार करे जे मिले सवल्ला तूँ ही तूँ,
राम रहीम कृष्ण........

पत्थर उत्ते श्रद्धा हो गई दर्शन दित्ते धन्ने नूँ,
खूह चों कढ्ढ के बुक्कल लै लिया सूरदास तूँ अन्हें नूँ,
भजन इबादत करन वास्ते पाक मसल्ला तूँ ही तूँ,
राम रहीम कृष्ण............

मरा मरा तों राम बन गया बाल्मीक नूँ तरिया तैं,
जल में मैं हूँ थल में मैं हूँ गीता विच उचारिया तैं,
मंदिर मसीत और गुरुद्वारे गोरख टल्ला तूँ ही तूँ,
राम रहीम कृष्ण.............

पंडित देव शर्मा
श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल
रानियां, सिरसा
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