नावड्या रे नाव म्हारी रे संभाल
नई तो भवसागर म डूबी जायग
भवसागर में डोल रही नैया
तुम बिना म्हारो कोण छे खिवैया
नावड्या रे नही मिलतो किनार
नई तो भवसागर म डूबी जायग
भवसागर की कठिन या धारा
लहर सताय रही बारमबारा
नावड्या रे वेग बढ़तो अपार
नई तो भवसागर म डूबी जायग
नाव पुराणी नदी गहराणी
घड़ी-घड़ी पल-पल बढ़ी रहयो पाणी
नावड्या रे मख पार रे उतार
नई तो भवसागर म डूबी जायग
दास की नैया शरण तुम्हारा
आई न लगई देवो आज किनारा
नावड्या रे नाव चरण आधार
नई तो भवसागर म डूबी जायग
प्रेषक प्रमोद पटेल
यूट्यूब पर
1.निमाड़ी भजन संग्रह
2.प्रमोद पटेल सा रे गा मा पा
9399299349
9981947823