पधारो मैया दर्शन की घडी आई,
उबारो मैया जीवन गहरी खाई,
निर्मल मन है देवेश न छल है,
भक्ति का ही मुझमे बल है,
स्वीकारो मैया चरण पखारन आई ,
उबारो मैया जीवन गहरी खाई,
माता की छवि मन दर्पण में,
माँ ही विराजी मन आसान में,
निहारो मियां असुवन दू मैं दुहाई,
उबारो मैया जीवन गहरी खाई,
झील मिल माँ का मुकट सजा है,
माथे सिंदूर का लेप लगा है,
उतारो मैया जी की आरती भाई,
उबारो मैया जीवन गहरी खाई,