कभी फुर्सत मिल जाए तो आना घर मेरे महारानी,
वेलकम है परिवार में मेरे तेरा ओ महारानी
कभी फुर्सत मिल जाए तो आना घर मेरे महारानी,
हलवा पूरी खा खा के माँ जब तेरो मन भर जाए
जब मेरी मा के हाथ की रोटी चखने का दिल कर जाए,
जब पीना चाहे मटके का शरबत जैसा पानी
कभी फुर्सत मिल जाए तो आना घर मेरे महारानी,
तेरे सिवा न तेरी गुफा में जिस दिन न कोई और हो माँ
उस दिन मेरी इस अर्जी पे कर लेना तू गोर ओ माँ
मेरे पिता जी से सुन नी हो अपनी अमर कहानी
कभी फुर्सत मिल जाए तो आना घर मेरे महारानी,
जिस दिन अपनी महिमा दाती मुझसे सुन ना चाहे तू
अपने सेवादारो में जब मुझको चुन न चाहे तू,
जिस दिन बरसानी हो मुझपे अपनी मेहरबानी
कभी फुर्सत मिल जाए तो आना घर मेरे महारानी,