तर्ज : पिया आवो तो मनड़ा री बात
बाटड़ल्यां थारी जोवंती
म्हारी आँखड़ल्या दिन रात
"रजनी" ऊडीके साँवरा
तो कोई करल्यां मनड़ री बात
मंदिर खोलो बाबा
थारा म्हे दीदार करस्या
मन्दिर खोलो बाबा
थारे मंदरियां में बातां थास्यूं च्यार करस्या
थारे मंदरियां में बाता थास्यूं च्यार करस्या
मंदिर खोलो बाबा
थारा म्हे दीदार करस्या
मंदिर खोलो बाबा
खोलो नी खोलो नी
बाबा मंदीरिया न दर्श करस्या
दर्श करके मनड़ा री बात करस्या,
मंदिर खोलो बाबा
थारा म्हे दीदार करस्या
मंदिर खोलो बाबा
बाबा थारी ओल्यु घणी आवे
पागल मन न कुण समझाव
दर्श करया बिन नींद न आवे
आँखड़ल्या म्हारी भर भर जावे
खाटू धाम में बुलाले
थारी सेवा करस्या खाटू धाम में
थारे मंदरियां में बाता
थास्यूं च्यार करस्या
मंदिर खोलो बाबा
थारा म्हे दीदार करस्या
मंदिर खोलो बाबा
इण संकट स्यू सब न बचाओ
सगला रा थे कष्ट मिटाओ
"रजनी" थारी प्रेम पुजारिन
सेवा में थारे हर पल हाजिर
बाबा चाकरी लगा ले
थारी दासी बणस्या बाबा चाकरी
थारे मंदरियां में बाता थास्यूं च्यार करस्या
मंदिर खोलो बाबा थारा म्हे दीदार करस्या