करु वंदना तुम्हारी मां शारदे
मां इतना प्यार दे करू वंदना तुम्हारी मां शारदे........
भरदे दामन में मेरे स्वर सागर के मोती
सुनी रचना में जगा तेरे नाम की ज्योति
सासो के साज को मेरे मां आवाज़ दे
करु वंदना तुम्हारी मां शारदे .........
तेरी कला में महके जीवन मेरा
सिर पे इस मजदूर के हाथ रहे मा तेरा
भक्त की मां अम्बे ऐसी तू बाहर दे
करु वंदना तुम्हारी मां शारदे...........
हृदय के इस हंस पे तेरी सजे सवारी
मन मंदिर में मां बजे वीणा बजे तुम्हारी
हर घड़ी मां मुझे ऐसे तू तार दे
करु वंदना तुम्हारी मां शारदे ..........
@ ललित गेरा झज्जर
(SLG Musician)