मैया चढ़ गई ऊँचे पहाड़ पर,
याहे गिरने को डर ना है.....
तातो तातो पानी भरी रे बाल्टी,
मैया नहा रही ऊँचे पहाड़ों पर याहे गिरने को डर ना है......
सोने की थाली में भोजन परोसा,
मैया खा रही ऊँचे पहाड़ों पर याहे गिरने का डर ना है.....
सोने का लोटा गंगाजल पानी,
मैया पी रही ऊँचे पहाड़ों पर याहे गिरने का डर ना है....
चंदा की चांदनी में चौपड़ बिछाए,
मैया खेले ऊंचे पहाड़ों पर याहे गिरने का डर ना है.....
फूलों की सेज मोती झालर के तकिया,
मैया सो रही ऊंचे पहाड़ों पर याहे गिरने का डर ना है.....