मैं खड़ी उडीका राह के आज मेरा श्याम आये गया ॥
जे श्याम न आया कोई पैगाम आवे गया ॥
मैं बैठी रस्ता रोक नी मैनु लोक पुछदे, मैनु लोक पुछदे ॥
यह रोग तोहे लाया तेरे हाथ न आवेगा,
जे श्याम .....
मैं उड़े उड़े पंछिया नु पूछा नी पत्ता श्याम,दा पत्ता श्याम दा॥
मैं उड़ न सका आप पत्ता कोण ल्यावेगा,
जे श्याम .....
मैं बेठी रातां कटा मेनू नींद ना अवे,॥
कद होवे गा सवेरा मेरा श्याम अयेगा,
जे श्याम .....
हुन आजा नन्दलाल मेरा वेख हाल वे मेरा वेख हाल वे -२
बिगड़ी होई दिशा दासी दी मेरा श्याम सवारेगा,
जे श्याम ......