कैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैन
कहीयो उह्दो कान्हा जी से बरसात है नित नैन
कैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैन
ग्वाल बाल संग गाये चराए माखन मटकी फोड़ गिराए
कारी भर जोरी बहियाँ मरोड़ी बोलत है मरिगु वेन
कैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैन
सत भावा ललिता को रिजाये
निराकार सा कार दिखाए
रास रचाए संग राधिका
योगी बोगी को सहे
कैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैन
यमुना किनारे बंसी बजाये
कदम डारी चडी चीर चुराए
मुरली मधुर सुने मनमोहन बीते न दिन रेन
कैसे कहे हम श्याम बिन मन को आये न पल भर चैन