थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे,
तुझे गले से लगाये गे,
अँखियाँ मन की खोल तुझे दर्शन वो कराए गे
तुझे गले से लगायेगे
है राम रमिया वो है कृष्ण कन्हियाँ वो
वही मेरा साईं है,
सतकर्म राहो पे चलना सिखाते वो वही जगदीश है
प्रेम से पुकार तेरे पाप को जलायेगे
तुझे गले से लगायेगे
किरपा की छाया में बेठाएगे तुझको
काहा तुम जाओगे
उनकी दया दृष्टि जब जब पड़े गे तुम भव तर जाओगे
ऐसा है विश्वाश मन में ज्योत वो जलाए गे
तुझे गले से लगायेगे