वैसा ही होना जग में जैसा साईं सुहाई
उस मन में ज्योत जागी बैठी जो द्वारका माई
पर्वत से उतरी गंगा साईं के दर्शन करने
कोडी भी चंगा होए साईं के दर्शन करके
इक सांचा साईं जग में जिस के लगन लगाई
उस मन में ज्योत जागी बैठी जो द्वारका माई
जीवन ये रंग चाहे अब साईं के रंग से सारे
साईं ही साईं संग हो दूजा न कोई भाये
इक सांचा साईं जग में जिस से लगन लगाई
उस मन में ज्योत जागी बैठी जो द्वारका माई
दुःख तेरे कट जायगे साईं है संग में तेरे
रस्ते सवर जायंगे साईं है संग में तेरे
इक सांचा साईं जग में जिस की लगन लगाई
उस मन में ज्योत जागी बैठी जो द्वारका माई