नमस्कार साई सला मैं खुदाया,
भटकता हुआ मैं तेरे दर पे आया,
नमस्कार साई सला मैं खुदाया,
बहुत यु तो थे बेकसों के ठिकाने,
ना जाने याहा आ गया किस बहाने,
मिले जब तेरी रेहमतो के खजाने,
मुझे साई धन के सिवा कुछ न भाया,
भटकता हुआ मैं तेरे दर पे आया,
नमस्कार साई सला मैं खुदाया,
तेरी आरती ने बड़ी रौशनी दी,
तू ही तू है सब कुछ नई जिंगदी दी,
खुदी कुछ नहीं मुझ को ये अक्ल दे दी
मुझे हर घडी खुद से मिलना सिखाया,
भटकता हुआ मैं तेरे दर पे आया,
नमस्कार साई सला मैं खुदाया,
दिया तूने सब कुछ कोई और क्या ले,
गिरा हु तेरे समाने अब उठा ले,
तू चाहे तो इक बार फिर आजमा ले,
कई बार तूने मुझे आजमाया,
भटकता हुआ मैं तेरे दर पे आया,
नमस्कार साई सला मैं खुदाया,