कर दे सभी पे उपकार ओ मैया
दुखड़े खड़े जो तेरे द्वार है
कर दे सभी पे उपकार ओ मैया
बिन तेरी मर्जी इक भी पता गिरे ना कभी ढाल से
अपने भगत की बिगड़ी बना के पल में जीवन सवार दे,
कर दे कर्म तू इस बार मैया दुखड़े खड़े जो तेरे द्वार है
जितना चरम सुख बरसे याहा पे वो न और कही पाऊ,
जन कल्याणी माँ वरदानी तुझपे बलिहारी जाऊ,
जीने का तू ही आधार,
मैया दुखड़े खड़े जो तेरे द्वार है