सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई

बात बताऊ अपनी जब से श्याम शरण में आया,
जो न सोचा था सपने में वो सब याहा से पाया,
राहे मुश्किलों की मेरी बंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,

बाबा ने तोड़ दिया दुःख की जंजीर को
पल भर में हाथो की बदली लकीर को
तेज आंधी चलनी गम की बंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,

रंग अपना संवारे ने ऐसा लगाया
प्यार से मेरा हर लम्हा सजाया,
सांसो में सांवरियां की सुगंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,

थामा है हाथ मेरा बाबा ने जब से
कुंदन कमी न रही मुझे तब से
मेरी जन्दगी मन पसंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,
download bhajan lyrics (698 downloads)